रमेश कुंतल मेघ के समग्र साहित्यिक कार्य पर एक अंक निकालने की योजना पर लंबे समय से विचार चल रहा था। इसमें मुंबई से प्रकाशित चिंतनदिशा पत्रिका मित्रमंडली की अहम भूमिका थी। अंतत: दिल्ली से बनास जन से यह अंक प्रकाशित हुआ। इसका संपादन प्रदीप सक्सेना ने किया। इसमें लगभग दो दर्जन लेखकों ने योगदान किया है। यहां पत्रिका की जानकारी और विषय सूची दी जा रही है। यदि आप पत्रिका पढ़ना चाहें तो बनास जन से संपर्क कर सकते हैं।
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