रविवार, अप्रैल 01, 2012

फेंच चित्रकार पॉल सेज़ां की एक कृति

कार्ड प्‍लेयर (ताश खेलनेवाले)


5 टिप्‍पणियां:

राजेश उत्‍साही ने कहा…

अब कहां नजर आते हैं ये।

सुमनिका ने कहा…

आपके उद्बुद्ध-बलाग को देख कर गर्वान्वित हूं और अपनी हर्षपूर्ण सम्बेदना प्रेषित करता हूं

Tej sethi

अजेय ने कहा…

फुर्सत के ऐसे क्षणो के लिए आदमी तरस गया है . आज वह मनोरंजन और प्रेम और यहाँ तक कि ध्यान और साधना भी भी *बदहवासी* मे करता है .
बस पेंटिंग्ज़ देख कर सुकून पाईए !

Anup sethi ने कहा…

कलाकृति आत्‍मा की स्‍वप्‍न भाषा का अनुवाद करने का स्‍वप्‍न देखती है. - निर्मल वर्मा. (साभारः आशुतोष भारद्वाज, मति का धीर निर्मल वर्मा, समालोचन ब्‍लॉगस्‍पॉट

Ek ziddi dhun ने कहा…

बहुत अच्छी पंटिंग। शुक्रिया।